आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर मैं अपना लिखा एक भजन प्रस्तुत कर रहा हूँ.....
दर्शन दो प्रभु कबसे खड़े हैं।
हम भारी विपदा में पड़े हैं।
कोई नहीं प्रभु-सा रखवाला,
मेरे कष्ट मिटाने वाला,
जीवन में कर दीजै उजाला;
आप दयालू नाथ बड़े हैं.......
झूठी माया झूठी काया,
लेकर मैं दुनिया में आया,
दुनिया में है पाप समाया;
भरते पाप के रोज़ घड़े हैं........
पाप हटे मिट जाये बुराई,
सबमें पडे़ प्रभु आप दिखाई,
इच्छाओं ने दौड़ लगाई;
कितनी गहरी मन की जड़े हैं.......
दर्शन दो प्रभु कबसे खड़े हैं।
हम भारी विपदा में पड़े हैं।
कोई नहीं प्रभु-सा रखवाला,
मेरे कष्ट मिटाने वाला,
जीवन में कर दीजै उजाला;
आप दयालू नाथ बड़े हैं.......
झूठी माया झूठी काया,
लेकर मैं दुनिया में आया,
दुनिया में है पाप समाया;
भरते पाप के रोज़ घड़े हैं........
पाप हटे मिट जाये बुराई,
सबमें पडे़ प्रभु आप दिखाई,
इच्छाओं ने दौड़ लगाई;
कितनी गहरी मन की जड़े हैं.......
Copyright@PBChaturvedi
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ। जय श्री कृष्ण!!
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INDIAN DEITIES
Man bhav vibhor ho gaya.Shubkamnayen.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दरे भजन है श्रीकृ्ष्न जन्मश्टमी की बधाई
जवाब देंहटाएंsunder bhajan ke liye , janmashtami par shubhkaamnayen.
जवाब देंहटाएंsunder bhajan ke liye , janmashtami par shubhkaamnayen.
जवाब देंहटाएंबहुत भावपूर्ण गीत..
जवाब देंहटाएंश्री कृष्ण जन्माष्टमी और स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई..
बहुत सुंदर भाव और अभिव्यक्ति के साथ लिखी हुई आपकी ये भजन बहुत अच्छा लगा! स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंमेरे नए ब्लॉग पर आपका स्वागत है -
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com